जब आप घूमना शुरू करते हैं तो आपके शरीर में हर पल क्या होता है। यहां प्रति मिनट के लिहाज से होने वाली शारीरिक प्रतिक्रियाएं उनका आपस में क्या संबंध है, नियमित भ्रमण और व्यायाम से आपके शरीर पर पड़ने वाले चमत्कारिक और लाभकारी परिवर्तनों का क्रम इस प्रकार है-
शुरुआती एक मिनट से 5 मिनट में जब आप घूमना शुरू करते हैं और चहलकदमी के साथ कदम रखते हैं तो शरीर मेें ऊर्जा के उत्पादन के साथ कुछ रसायनों का शरीर की कोशिकाओं में संचार होता है, जो आपकी शारीरिक कोशिकाओं के लिए ईंधन का कार्य करती है, घूमते समय।
आपके हृदय की धडक़न की दर 70 से 100 तक प्रति मिनट पहुंच जाती है, (बीपीएम) रक्त संचार में तेजी होती है, जिससे मांसपेशियों में गर्मी आती है। शरीर के जोड़ों की अकड़न को दूर करने के लिए वसीय तत्व (ल्युब्रिकेंट फ्लूड) का संचार होता है। जिससे आपके चलने की राह सुगम हो जाती है।
जब आप चलना शुरू करते हैं तो उपका शरीर प्रति मिनट 5 कैलोरी ऊर्जा का क्षय करना शुरू कर देता है हर एक मिनट के अंतराल के दौरान। इस सतत ऊर्जा क्षय के दौरान आपका शरीर ईंधन के रूप में शरीर में संचित कार्बोहाइड्रेट और वसा को खींचने लगता है।
मिनट 6 से 10 में हृदय की धडक़न बढ़ जाती है और ऊर्जा के क्षय होने की दर बढ़ कर प्रति मिनट 6 कैलोरी हो जाती है, जिससे आपको आराम का अहसास होता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) में भी मामूली वृद्धि हो जाती है नियमित रसायनों के संचार से जिससे रक्त वाहिकाओं में अधिक रक्त का प्रवाह हो जाता है जिससे बढ़े हुए रक्त के अनुपात में ऑक्सीजन की जरुरत बढ़ने से शरीर की मांस पेशियां काम करने लगती है।
11 से 20 मिनट की अवधि में शरीर के तापमान में वृद्धि होना शुरू हो जाता है जिससे रक्त की धमनियों में प्रसरण शुरू होता इसकी शुरूआत त्वचा से होती है, जो धीरे-धीरे बढक़र हृदय को आराम पहुंचाता है। इस अवधि में आपका ऊर्जा क्षय प्रति मिनट 7 कैलोरी हो जाता है साथ श्वांस लेने में जोर आने लगता है। इससे हार्मोन्स जैसे एपिनिजिन और ग्लूकोगोन की मात्र बढ़ जाती है, जिससे शरीर की मांसपेशियों को आसानी से ईंधन (ऊर्जा) मिलने लगती है।
21 से 45 मिनट की अवधि में घूमने वाले शरीर में ताजगी के साथ ही स्व उत्प्रेरण की क्षमता आ जाती है, जिससे आप अपने शरीर को आराम देने का क्रम शुरू कर देते हैं, उससे आपके तनाव को स्तर घटने लगता है। साथ ही अच्छे व लाभकारी रसायनों का संचार होने लगता है जैसे आपके मस्तिष्क से एंडोरफिन्स का संचरण। जिससे अधिक संचित वसा का क्षय शुरू होता है।
इससे इंसुलिन हार्मोन का स्तर भी संतुलित होने लगता है। जिससे जो लोग मोटापा और मधुमेह से ग्रसित हैं उन्हें इन दोनों रोग से लड़ने की ताकत मिलती है। 45 से 60 मिनट की अवधि में शरीर की मांसपेशियां में थकान का स्तर बढ़ जाता है, जिससे आपके शरीर में जमा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा घटने लगती है। जिससे आपको शीतलता का अनुभव होता है।
आपके हृदय के धडक़न की दर घट जाती है, श्वांस लेने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है। इस अवधि में आपके शरीर से ऊर्जा के क्षरण का स्तर थोड़ा कम होता है, पर जब आपने घूमना शुरू किया उससे अधिक ऊर्जा का क्षरण इस अवधि में होता है। एक घण्टे घूमने से ऊर्जा के क्षय होने की गति में वृद्धि होती है। ऐसे में कहा जा सकता है। एकमात्र घूमने से तमाम खुशियां मिल सकती है शरीर के लिए घुमना मानव शरीर के लिए वरदान है।
ॐभर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यंभर्गोदेवस्यधीमहिधियोयोन:प्रचोदयात्।।