लुहार अपनी दुकान पर लोहे के टुकड़ों से तरह तरह की चीजें बनाता रहता है। उन टुकड़ों को वह कभी…
जिस प्रकार आवश्यकता को अविष्कार की जननी कहा जाता है इसी प्रकार दुःख को सुख का जनक मान लिया जाय…
बड़ा कठिन एवं परम दुर्लभ है यह सब लेकिन यह होता है कहीं-कहीं, किसी-किसी में। आमतौर पर भाव एवं विचार…
मई 1984 से हमने अपने स्थूल शरीर से संभव हो सकने वाला स्थूल स्तर का क्रियाकलाप बन्द कर दिया। इसका…
हर दिन नया जन्म, हर रात नई मौत की अनुभूति यदि की जा सके तो उससे उत्कृष्ट जीवन जीने की…
(परम पूज्य गुरुदेव ने ७९ साल पहले इस लेख द्वारा समय परिवर्तन की भावी रूपरेखा इंगित की है। ७९ साल…
भगवान् ने मनुष्य के साथ कोई पक्षपात नहीं किया है, बल्कि उसे अमानत के रूप में कुछ विभूतियाँ दी हैं।…
किसी व्यक्ति की उपासना सच्ची है या झूठी है उसकी एक ही परीक्षा है कि साधक की अन्तरात्मा में सन्तोष,…
आओ हम नाम, यश और दूसरों पर शासन करने की इच्छा से रहित होकर काम करें। काम, क्रोध एंव लोभ…
प्रतिकूलताएं वस्तुतः विकास में सहायक नौकर ने सम्बन्धित विषय पर जो तर्क तथ्य प्रस्तुत किये उससे विवाद समाप्त हुआ। एक…