एक बार गुरू आत्मानंद ने अपने चार शिष्यों को एक पाठ पढाया। पाठ पढाने के बाद वह अपने शिष्यों से…
मित्रो ! मनुष्य की सामान्य शक्ति सीमित है। प्रत्येक प्राणी को भगवान ने उतना ही सामान दिया है कि वह…
चरित्रवान् बनने के लिये अपनी आत्मिक शक्ति जगाने की आवश्यकता होती है। तप, संयम और धैर्य से आत्मा बलवान बनती…
दो शब्द आध्यात्मिक जीवन की प्रगति के लिए साधना का अवलम्बन एक अनिवार्य तथ्य है। जो लोग समझते हैं कि…
परमात्मा के जितने ही समीप हम पहुँचते हैं उतनी ही श्रेष्ठताएँ हमारे अन्तःकरण में उपजती तथा बढ़ती हैं। उसी अनुपात…
आज के दिन हमने अपने ब्रह्मवर्चस का उद्घाटन कराया था। ब्रह्मवर्चस एक सिद्धान्त है कि मनुष्य के भीतर अनन्त शक्तियों…
स्वतंत्र बुद्धि की कसौटी पर आप जिस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं उसे साहस के साथ प्रकट कीजिए, दूसरों को सिखाइए।…
साधना चाहे घर पर की जाय अथवा एकान्तवास में रहकर, मनःस्थिति का परिष्कार उसका प्रधान लक्ष्य होना चाहिए। साधना का…
ईमानदारी और मेहनत से जो धर्म की कमाई की जाती है उसी से आदमी फलता−फूलता है, यह बात यदि मन…
भगवान् ने मनुष्य के साथ कोई पक्षपात नहीं किया है, बल्कि उसे अमानत के रूप में कुछ विभूतियाँ दी हैं।…